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राजनेता हमेशा से ही आम जनता के साथ घिनौना खेल खेलते आ रहे है । ……………

VisHalBharDwajBlog
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” जिसका बीज लगाओगे उसका ही पेड़ निकलेगा “

जिस विषय में मै आज विचार वयक्त कर रहा हु उस पर मै पहले भी चर्चा कर चूका हु। पर आज पता नहीं क्यों अचानक ही मेरे मस्तिक में कुछ बात आयी।

दोस्तों यह विषय तो बहुत बड़ा है और मेरी औकात के बाहर है फिर भी कुछ तो है जो सब जानते है फिर भी चुप है। सब फ्री में मिठाई खाने में लगे हुए है चाहे उनके घर में कितनी ही मिठाई पड़ी हुयी क्यों न हु।

तो दोस्तों यहाँ बात हो रही है आरक्षण बहुत बड़े-बड़े लोग इस विषय पर चर्चा कर चुके है और करते आ रहे है। .

यहाँ हम बात करने जा रहे है आरक्षण का घिनौना खेल राजनेताओ के द्वारा –

आप लोगो में से बहुत से लोग नहीं जानते होंगे की लोकसभा सीटों में आरक्षण की कुल 545 सीटों में से 84 के आस पास अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए है मतलब जो खुद इस खेल का हिस्सा है वो क्या लोगो की उम्मीदों पर आगे बढ़ेंगे लोग यु ही भोकते हुए मर जायेंगे आरक्षण का नारा लगते हुए इनलोगो से उम्मीद रखना बेकार है।

आज के लेख का बस एक ही मतलब है अपनी लड़ाई खुद लड़ो।

एकता ही एक मात्र रास्ता है

आरक्षण खत्म करने की सब कहते है लेकिन जातिबाद कोई ख़तम नहीं करना चाहता

पहले आपस में मिलजुल के रहना सीखे जातिबाद ही एक मात्र कारण था भारत के गुलाम होने का सिर्फ और सिर्फ जातिबाद के कारण ही आरक्षण लागू किया गया था। .

आप लोग जातिबाद ख़तम कर दो आरक्षण अपने आप ख़तम हो जायेगा अब आप लोग ये कहेंगे की जातिबाद तो अब बचा ही नहीं है तो यकीं मानिये अभी भी बहुत सी ऐसे जगह है जहा जातिबाद अभी भी सर चढ़ के चलता है जैसे जैसे गॉव व रूढ़ि वादी लोग शिक्छित होते रहेंगे ये अपने आप ख़तम होता रहेगा। .

लेकिन आज कल लोग आरक्षण का बहुत ही गलत फायदा उठा रहे है ऐसा नहीं होना चाहिए जैसे की लोग सब्सिडियरी छोड़ रहे है वैसे ही सक्षम लोगो को आरक्षण न ले कर नया इतिहास बनाना चाहिए अगर ऐसा हो जाये तो यकीन मानिये भारत अमेरिका से दस गुना आगे निकल जायेगा। .

आज के लिए इतना ही फिर बात करते है अन्य किसी विषय पर

आने वाले विषय की चर्चा के संपर्क में रहने के लिए सब्सक्राइब करना न भूले।

आपका दोस्त

विशाल भारद्वाज

https://imvishalbhardwaj.blogspot.in/

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